मेरे मौला........
Thursday, May 12, 2011
बस कुछ पल की महेरबानी कर, मेरे मौला,
फिर चाहे ज़िन्दगी गमों से भर, मेरे मौला,
की, अब कुछ बोले बिना उसे सब सुनाई दे,
मेरी मोहब्बत में हो इतना असर, मेरे मौला,
दो पल के लिए ही कंधे पे रक्खा है सर उसने,
वक़्त की सुई को केह जरा ठहर, मेरे मौला,
मंजिल से पहले ही उसने साथ मेरा छोड़ा हैं,
अब तनहा हैं ज़िन्दगी का सफ़र, मेरे मौला,
ये कैसी ज़िन्दगी वों तौफे में दे गई ‘योग्स’,
ना जीने को कहा, ना ही कहा मर, मेरे मौला.
योग्स....
6 comments:
♥
आपको नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह क्या बात , क्या खूब लिखा है
बस कुछ पल की महेरबानी कर, मेरे मौला,
फिर चाहे ज़िन्दगी गमों से भर, मेरे मौला,.....aaur jab meharbaani kare to hamesha ke waqt tham jaaye..acchi ghazal//shandar prastuti ke liye sadar badhayee aaur apne blog per sadar amantran ke sath
thnx all of u, take care
बहुत खुब
बहुत खुब
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